EV Sector : भारत में इलेक्ट्रिक वाहन (EV) बाजार लगातार तेजी से बढ़ रहा है। सरकारी योजनाओं जैसे प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) और फेम (FAME) स्कीम के कारण साल दर साल लिथियम-आयन बैटरियों की मांग में जबरदस्त उछाल आ रहा है। 2025 में भारत की लिथियम-आयन बैटरियों की मांग लगभग 15 गीगावॉट-घंटा (GWh) थी लेकिन FY27 तक यह आंकड़ा 54 GWh तक पहुंचने का अनुमान है। यह आंकड़ा 2030 तक 127 GWh हो सकता है। अभी देश अपनी लगभग सभी बैटरियां इंपोर्ट करता है लेकिन सरकार का लक्ष्य FY27 तक 80% तक घरेलू उत्पादन करना है। EV सेक्टर को लेकर सरकारी लक्ष्य भी बड़ा है—साल 2030 तक कुल यात्री वाहनों में EV की हिस्सेदारी 30% करने का प्लान है.
PCBL Chemicals
PCBL Chemicals भारत की सबसे बड़ी कार्बन ब्लैक निर्माता कंपनी है। इसने हाल ही में ऑस्ट्रेलिया की Kindia Pty के साथ मिलकर नैनो-सिलिकॉन बेस्ड एनोड मटेरियल बनाने का JV स्टार्ट किया है। इस मटेरियल से बैटरी की क्षमता 25-100% तक बढ़ाने और चार्जिंग स्पीड को 4 गुना करने की संभावना है। कंपनी FY27 तक Acetyl black के नए प्लांट का संचालन भी शुरू करेगी। फाइनेंशियल ईयर 2025 में कंपनी का रेवेन्यू लगभग 21.6 अरब रुपये था जबकि प्रॉफिट में गिरावट आई और यह 62 करोड़ रुपये रहा.
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Neogen Chemicals
Neogen Chemicals ब्रॉमीन और लिथियम आधारित स्पेशलिटी केमिकल उत्पादक कंपनी है। FY24 से FY26 के बीच कंपनी 1,500 करोड़ रुपये का निवेश बैटरी केमिकल्स में कर रही है। गुजरात में इसका नई integrated फैक्टरी प्रोजेक्ट 32,000 MT इलेक्ट्रोलाइट्स और 5,500 MT लिथियम सॉल्ट की क्षमता के साथ बन रहा है। यह प्रोजेक्ट भारत के बैटरी मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को आगे ले जाएगा। कंपनी FY26 में अपनी इलेक्ट्रोलाइट बिजनेस को 300-500 करोड़ रुपये रेवेन्यू की उम्मीद कर रही है और FY27 तक कुल रेवेन्यू 1,000 करोड़ रुपये के करीब पहुंच सकता है.
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Balaji Amines
Balaji Amines एक अग्रणी अलिफैटिक एमीन और स्पेशलिटी केमिकल्स निर्माता है। मई 2025 में इसने Electronic Grade Dimethyl Carbonate (DMC) को प्रोड्यूस करना शुरू किया, जो बैटरी के लिए एक अहम कंपोनेंट है। कंपनी भारत में इलेक्ट्रॉनिक-ग्रेड DMC बनाने वाली इकलौती कंपनी है। FY26 की पहली तिमाही में कंपनी का रेवेन्यू 3.6 अरब रुपये रहा और प्रॉफिट 37 मिलियन रुपये तक पहुंचा। अगले दो वर्षों में कंपनी ने 2,000 करोड़ रुपये से अधिक रेवेन्यू का लक्ष्य रखा है.
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EV Sector
EV सेक्टर में केमिकल कंपनियों का योगदान केवल मटेरियल सप्लाई तक सीमित नहीं है, बल्कि रिसर्च, इनोवेशन और सप्लाई चेन को मजबूत करने में भी अहम है। जैसे-जैसे भारत बैटरी बनाने में आत्मनिर्भर होगा, केमिकल कंपनियों का रोल और बड़ा होता जाएगा। हाल ही के डेटा के अनुसार, 2027 तक बैटरी के लगभग 80% कंपोनेंट देश में ही बनने लगेंगे, जिससे भारत की इंपोर्ट डिपेंडेंसी केवल 20% रह जाएगी.
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